देहरादून- राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को उत्तरांचल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। उन्होंने दीक्षांत समारोह में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 36 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल साथ ही 32 छात्र-छात्राओं को पीएचडी उपाधियां प्रदान की। इस अवसर पर राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह की स्मारिका का भी विमोचन किया।
राज्यपाल ने छात्रों संबोधित करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में आपके लिए अनेक चुनौतियां और अवसर इंतजार कर रहे हैं। आप इन चुनौतियों का सामना पूरी ईमानदारी और मनोयोग से कर राष्ट्र एवं समाज के उत्थान में अपना योगदान देने के लिए अटूट समर्पण के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि यह जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने का क्षण है। आप सभी के नेतृत्वकर्ता हैं। आप सभी युवा अपने हाथों से ’न्यू इंडिया’ के सपनों को आकार देंगे।
राज्यपाल ने कहा कि भारत अपने ज्ञान, समृद्धि और योग्यता के आधार पर हर क्षेत्र में विश्व गुरु के शिखर तक पहुंच सकता है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में आप सभी युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे रोजगार सृजन की दिशा में आगे बढ़ें और अन्य लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर प्रदान करें। राज्यपाल ने कहा कि बड़े लक्ष्य निर्धारित करते हुए उसे अपने कठोर परिश्रम और लगन से पूर्ण करने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि आपकी योग्यता और आपके अनुभव का लाभ राष्ट्र व समाज को अवश्य मिले। आप सब लोग जो भारत के अमृत काल में देश सेवा के लिए जा रहे हैं, आप सभी का कर्तव्य है कि आप भारत के स्वाभिमान और अपनी विरासत पर गर्व करते हुए अपने कदम आगे बढ़ाएँ और यह लक्ष्य पूर्ण करें।
राज्यपाल ने कहा कि हर राष्ट्र की प्रगति के लिए यह आवश्यक है कि युवा अच्छी तरह से प्रशिक्षित, कुशल और प्रेरित हों। हर युवा प्रतिभाशाली और गुणवान होता है, हमें उनकी उद्यमशीलता की भावना को जागृत करने की आवश्यकता है। जरूरत इस बात की है कि उन्हें अपना रास्ता खोजने के लिए निर्देशित किया जाए। इनमें राज्य के शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने इस पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस दिशा में उत्तरांचल विश्वविद्यालय बड़े केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा प्रयोग किये जा रहे नवाचारों और शोध कार्यों के माध्यम से उत्तराखण्ड और भारत के लिए सुखद दूरगामी परिणाम देंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को बधाई दी। कार्यक्रम में राज्यपाल ने कुलाधिपति श्री जितेन्द्र जोशी की आत्मकथा ‘‘धैर्यपथ’’ के अंग्रेजी संस्करण का भी विमोचन किया।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *